लिमिट स्विच एक प्रकार की डिवाइस है जो किसी ऑब्जेक्ट का physical movement डिटेक्ट करती है. यह डायरेक्ट या indirect कांटेक्ट हो सकता है. Example के तौर पर, जब हम अपनी कार में बैठे होते हैं और उतरने के लिए अपना गेट खोलते हैं तो कार की लाइट अपने आप जल जाती है. यह कार में लगे लिमिट स्विच के कारण संभव होता है. चलिए देखते हैं, कैसे होती है इसकी बनावट, कैसे काम करता है और क्या क्या हैं इसके applications.
Uses of limit switches
लिमिट स्विच का इस्तेमाल ज्यादातर कण्ट्रोल सिस्टम में किया जाता है यानी की किसी लिमिट के ऑन या ऑफ होने से उससे कोई काम ऑटोमेट किया जाता है. साथ ही आजकल यह रोबोटिक्स, CNC machines, मोटर कण्ट्रोल फंक्शन में भी काफी इस्तेमाल किया जाता है. आइये एक एप्लीकेशन को डिटेल में समझते हैं. पॉवर प्लांट में वाटर, स्टीम या आयल के फ्लो को मेन्टेन करने के लिए वाल्व होते है, जोकि मोटर, pneumatically या hydrocally ऑपरेट होते हैं. लेकिन ऑपरेट होने के बाद वाल्व को कहाँ रुकना है उसके लिए वहां लिमिट स्विच लगाए जाते हैं. जैसे ही वाल्व का स्टेम लिमिट स्विच को दबाता है, actuator का movement वहीँ पर रुक जाता है. अगर ऐसा नहीं होगा तो वाल्व डैमेज हो सकता है. इसीलिए लिमिट स्विच का process कण्ट्रोल में काफी इम्पोर्टेन्ट रोल है.

Working of limit switch
एक सिंपल लिमिट स्विच में एक लीवर होता है जिसके अन्दर एके रोलर होता है जो मूविंग surface से कांटेक्ट बनाता है. जैसे ही ऑब्जेक्ट मूव होता है रोलर उसपर रोल होकर लीवर को move करता है. इससे अन्दर लगे माइक्रो स्विच को on / off करता है.

NC और NO contacts क्या होते हैं?
माइक्रो स्विच में सिम्पली एक NC ( normally closed ) और एक NO ( normally open ) contact रहता है. NC contact का मतलब है की वो de-energized स्टेट में closed contact देगा यानी की मल्टीमीटर से common और NC के बीच आप चेक करेंगे तो आपको यह short (closed) मिलेगा और energized होते ही यह contact open हो जायेगा . इसी तरह NO contact की बात करे तो NO contact का मतलब है की वो de-energized स्टेट में open contact देगा यानी की मल्टीमीटर से common और NO के बीच आप चेक करेंगे तो आपको यह open मिलेगा और energized होते ही यह contact short (closed) हो जायेगा. उम्मीद करता हूँ कि आपको NC और NO contact में डिफरेंस पता चल गया होगा.

Advantage
- ये स्विच काफी एक्यूरेट होते हैं.
- एनर्जी कंसम्पशन काफी कम होता है.
- Cost इफेक्टिव हैं.
- बाहरी वातावरण में काम कर सकते हैं.
- Repeatability काफी अच्छी है
Disadvantage
- काफी समय काम करने के बाद टूट फूट की गुंजाईश रहती है.
- डायरेक्ट contact होना जरुरी है
- अगर कोई ऑब्जेक्ट बहुत तेजी से मूव करे तो डिटेक्शन में दिक्कत रहती है.
एप्लीकेशन
- किसी ओब्जेक्ट की presence या absense पता करने में
- पोजीशन या ट्रेवल limit के बारे मे पता करने में
- किसी भी इलेक्ट्रिकल सर्किट को ब्रेक करने एमे
- ऑटोमेशन में
- स्पीड डिटेक्शन में
- मोटर कण्ट्रोल सिस्टम डिजाईन करने में .
तो ये थे लिमिट स्विच के बारे में कुछ फैक्ट्स, application और बाकी सब इनफार्मेशन. अगर आपको अच्छा लगा, बुरा लगा जैसा भी लगा बताइए हमे कमेंट सेक्शन में. हम आपसे मिलेंगे अगले आर्टिकल में तब तक के लिए टाटा.