
Introduction to IOT
आज कल हमे हर जगह चाहे वो internet हो , blog हो या newspaper हमे IOT के बारे में दिख ही जाता है. कि IOT आ गया है और अब दुनिया बदल जाएगी. Revolutionary युग की शुरुआत है. और इसका impact हमारी ज़िंदगी के प्रत्येक हिस्से को effect करेगा चाहे हम कही travel करने जाए या फिर हमारी shopping करने का तरीका या फिर manufacturers जिस तरह से अपने inventory का track रहते हैं. वगैरह वगैरह. बात में दम तो है. क्यूंकि इन सब में IOT का इस्तेमाल होता है. लेकिन IOT है क्या है? और ये कैसे काम करता है? और ये सच में important है? और मुझे इसके बारे में क्या जानकारी होनी चाहिए ? तो चलो आ जाओ, चौपाल जमा लेते हैं.
IOT क्या है?
IOT का full form internet of things है. IOT एक ecosystem है जिसमे physical objects connected होते हैं और उसे internet के through access कर सकते हैं. IOT एक concept है किसी device को internet से connect करने का और connected device से communicate करने का. इसे ही short में internet of things कहते है. IOT एक giant network है connecting things और people का – इसमें सभी device data को collect और share करते है जिस भी way में वो use होता है और जिस surroundings में वो use होता है.
इसमें में extra-ordinary number of objects भी include होते हैं किसी भी shape और size के – जैसे की स्मार्ट microwave जो आपके लिए सही time में खाना बना के देता है, self driving cars जिसके sensors automatically path में objects को detect करता है, पहनने वाले फिटनेस device जो हमारा heart rate , हमने कितने steps लिए हैं वो सभी count करता है और वो information को फिर use करता है हमे अगले exercise suggest करने में और उसे execute करने में help करता है.
IoT में ‘thing’ जरुरी नहीं कि वो एक thing ही हो. वो एक person भी हो सकता है जिसके pass एक heart monitor या automobile है. जिसके साथ built-in-sensors, यानी कि, ऐसे objects हैं जिनका IP address assign होता है और उसके पास data को collect और share करने की क्षमता होती है. इस तरह बनता है एक ऐसा network जिसमे manual assistance या intervention की ज़रुरत नहीं है. Object में embedded technology, internal states या external environment के साथ interact करने में मदद करता है और फिर ये data प्रोसेस होकर कुछ decesion लेने की स्तिथि में आता है .
“ जिस तरह से IOT का adoption का pace जल्दी जल्दी बढ़ रहा है , और पहले से ही connected devices billion में है, इसलिए skilled developers, जो IoT solutions deliver करने में काबिल है, उनकी डिमांड भी बढती जाएगी. और आने वाले समय में ये रोजगार का एक बेहतरीन क्षेत्र होगा ”
IoT क्यों चाहिए?
RFID journal में publish हुए आर्टिकल के अनुसार, करीब 1999 में उसमे ऐसा कहा गया था, कि हम लोग अगर इस तरह का कंप्यूटर बना पाए. जो बिना हम लोगो की हेल्प के खुद से data कलेक्ट कर के डिसिशन ले पाए तो ये internet की दुनिया में अभूतपूर्व कदम होगा. इस तरह हम सभी things को track और count करने में able हो जाएंगे, और ये बहुत हद तक waste को reduce करने में, loss और cost को कम करने में भी मदद करेगा. हम ये पता लगा पाएंगे की कब things को replace, रिपेयर, या recall करना है और क्या वो फ्रेश है या पहले वाला अच्छा था. हम इन सभी को computer जो data collect करता है उसकी मदद से पता लगा पाएंगे. हमे computer को उनके information gathering के माध्यम को empower करना है ताकि वो अपनी दुनिया को अपने तरीके से देख, सुन और smell कर सके.
Precisely देखे तो IoT का platform यही करता है हमारे लिए. बिना किसी human की मदद के, एक situation या surroundings को observe, identify और understand करने में devices/ objects को enable करता है.
जैसे- हम घर के बाहर है और हमारे घर का washing machine, AC दोनों ही on रह गया है, उसकी information हमे फ़ोन पे मिलती है. इसे off करने के लिए दो तरीके हैं: हमारा IoT human की presence नहीं देख automatic ये दोनों device off कर देता है. दूसरा हम जहा कही पे भी हो हम अपने device को off कर सकते हैं.
दोस्तों अब तक हमने ये सीखा कि IoT क्या है और क्यों चाहिए. पर ये कैसे काम करता है ये भी जानना ज़रूरी है तो चलिए इसे देखते है.
IoT कैसे काम करता है?
ऐसे Devices और objects जिनमे sensors built-in होते हैं वो internet of things के platform से connected होता है जो अलग अलग devices के data को integrate करता है और analytics apply कर जो सबसे ज्यादा valuable information होती है वो उस applications के साथ share करता है जिसे एक specific need के लिए बनाया गया है.
Powerful IoT platform कौन si information useful है और कौन से safely ignore हो सकती है, उसे आसानी से pinpoint कर सकता है. साथ ही ये information patterns को detect करने में उपयोग होता है. इनफार्मेशन पैटर्न्स को डिटेक्ट करने के बाद recommedations बनाने में, ऐसी possible problem को डिटेक्ट करने में हेल्प करता है जिनके पैटर्न के अनुसार फ्यूचर में होने के chances हैं.
चलो, एक example के हिसाब से समझने की कोशिश करते हैं. अगर मैं किसी car बनाने की कंपनी को owner हूँ. और मैं ये जानना चाहता हूँ की कौन सी optional components (जैसे-leather seats या alloy wheels) ज्यादा popular है. ये काम main internet of things का उपयोग कर हम पता लगा सकते है. ज्यादा shock मत हो, हम अभी इसे समझते हैं: 🙂
- Sensors का उपयोग करे और पता करे की showroom में कौन सी area सबसे ज्यादा popular है और customer सबसे ज्यादा कहा present होते हैं.
- जो भी available sales data हैं उसे अच्छे से observe करे और identify करे की कौन सी component fastest बिक रही है.
- Automatically अपने supply को sales के data के साथ align करे ताकि popular items stock के बाहर ना हो जाये.
ये information को connected devices से लिया गया है और मुझे अपने smart decision बानाने में able करता है. जैसे- कौन सी component को stock करके inventory बनाये रखना है, जो मुझे मेरे time और पैसे दोनों बचाने में मदद करता है.
इसी insight के साथ अगर हमे advanced analytics provide किया जाए तो IoT के पास process को और भी efficient बनाने की power होती है. Smart objects और systems का मतलब है की हम कुछ task को automate कर दे जो particularly repeititive और कम importance के होते हैं. या फिर जो time को ज्यादा consume करते हैं या उन्हें खुद से करने में खतरा हो. चलिए अब देखते कुछ ऐसे example जिसमे IoT का real life में कैसे दिखता है और वो सीखेंगे.
IoT आपके घर में
Imagine करे की आप हर सुबह 7 बजे अपने काम पे जाने के लिए उठते हैं. आपका alarm clock आपको उठाने का काम बहुत अच्छे से करता है. लेकिन एक दिन आपकी clock का mood off हो गया वो ring करना भूल गया. किस्मत हमारी और भी ख़राब की ट्रेन भी cancel हो गयी. अब हमे walking करके या कोई भी और means से जाना होगा. alarm time पे नहीं बजने के कारण आप late से उठे और आप office late पहुचे और आपको डाट पड़ी. अब देखिये कैसे IoT आपकी हेल्प कर सकता है. जैसे की हमारी ट्रेन cancel हैसे तो अगर हमे खुद drive करके जाना पड़ेगा इसके लिए हमे 7 बजे की सिवाय 6 बजे उठना था. और मान लीजिये की उस दिन बारिश भी हो रही है तो आपको slow drive करना पड़ेगा जिसके कारण आपको थोडा और जल्दी उठना था. इस problem को हम iot की मदद से solve करेंगे. अगर हमारे पास IoT enabled alarm है जो in सभी factors के हिसाब से reset हो जाता है ताकि आप time पे काम पे पहुच सके. ये आसानी से पता लगा ले आपकी उस रोज़ की ट्रेन cancel हो गयी है तो ये आपकी driving distance और time calculate करेगा आपकी alternative route के हिसाब से. और ये weather भी check करेगा और जो भी factor आपकी driving को slow करेगी जैसे- बारिश और calculate करेगा की आपको कितने बजे जगाना है. और आप late नहीं होंगे. अगर ये और भी smart है टूल iot enable cofee-maker के साथ sync करेगा और आपके लिए coffee भी बना देगा ताकि जब आप उठे तो आपकी coffee तैयार हो.
हैं न लाजवाब. तो बताइए की कैसा लगा आपको आर्टिकल. क्या आप इस बात के favour में है की IoT को हमारी लाइफस्टाइल का एक part होना चाहिए या फिर इतनी technology ख़तरनाक साबित हो सकती है.
Nicely explain for beginners 👌👍
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Thanks Jignasa..