Walmart ने Flipkart को 10000000000000 में क्यूँ खरीदा ?

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Flipkart 1 लाख करोड़ की कम्पनी बनी कैसे?

सवाल थोडा पेचीदा है क्यूंकि इतना पैसा कोई कहाँ से लाएगा. उसके लिए flipkart में कुछ तो स्पेशल होगा ही जो उसकी इतनी ज्यादा वैल्यू आंकी गयी.  पहले समझते हैं कि Flipkart 1 लाख करोड़ की कम्पनी बनी कैसे? IIT दिल्ली के 2 इंजीनियर सचिन बंसल और बिन्नी बंसल amazon.com में जॉब करते थे.  Amazon तब india में नहीं था. तो इन दोनों ने सोचा की क्यूँ न इसी तरह का कोई स्टार्ट अप india में शुरू किया जाये. तो 2007 में लोगों ने इनकी कंपनी लॉन्च कर दी, Flipkart.com.

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ज्यादा इन्वेस्टमेंट की कमी के कारण इन दोनों ने अपने पास से 4 लाख रुपये लगाए और इन लोगो ने शुरू में बुक्स बेचने का काम शुरू किया और अपने शुरू के ऑर्डर्स ये लोग खुद ही डिलीवर करने जाते थे. फिर धीरे धीरे इनके स्टार्टअप को इन्वेस्टमेंट मिलना शुरू हो गया और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कम्पनीज का सपोर्ट मिलना शुरू हो गया. Flipkart का loss 5000 करोड रुपए  चल रहा है . फिर कोई क्यूँ इसमें इन्वेस्टमेंट करना चाहेगा या खरीदना चाहेगा?

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तो होता क्या है की जो इन्वेस्टर्स होते हैं वे पैसे से और पैसा बनाने के लिए ऐसे स्टार्ट अप में इन्वेस्ट करते हैं जो की बहुत प्रोमिसिंग होते हैं. रिस्क तो होता है पर अगर स्टार्टअप प्रोमिसिंग हो तो बहुत फायदा होने का काफी चांस रहता है.  जैसे कि softbank ने फ्लिप्कार्ट में इन्वेस्ट किया था tab 2.5 million dollar इन्वेस्ट किये थे और रिसेंटली जब जब ये शेयर वाल्ल्मार्ट को बेचे गए तो इनकी कीमत थी 4 बिलियन डॉलर. तो आप समझ गए होंगे की कोई इन्वेस्टर क्यूँ स्टार्टअप में इन्वेस्ट करता है.

Walmart ने Flipkart को 10000000000000 में क्यूँ खरीदा ?

वॉलमार्ट ने इसीलिए बोली लगा कर के 100000 करोड रुपए में 77%  Flipkart के शेयर खरीद लिए. इसमें से 20%  वह सॉफ्ट बैंक के शेयर भी बेचे गए. सचिन बंसल ने 5.6 % के शेयर बेचे. और इसकी कीमत थी  1 बिलियन डॉलर. तो इस तरह जिस जिस ने फ्लिप्कार्ट में पैसा लगाया था जब वो loss में चल रही थी,  तब वह सारा रिटर्न हो गया.  लेकिन सवाल अब ये है की आखिर क्यूँ लिया वालमार्ट ने इतनी costly और बड़ी डील को.

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वालमार्ट US की सबसे बड़ी रिटेल market है और Amazon इसका जबरदस्त competitor है. लेकिन प्रॉब्लम वाल्ल्मार्ट की ये है की इसके पास केवल ऑफलाइन market है. ऑनलाइन में इसकी इतनी पकड़ नहीं है. उसमे अभी भी Amazon इसके आगे चल रहा है. तो वाल्ल्मार्ट को कोई ऐसा प्लेटफार्म चाहिए जिससे की वो ऑनलाइन market में भी amazon को बीट कर पर पाए. तो उन्होंने देखा कि इंडिया सबसे बड़ा ऑनलाइन market शेयर Flipkart के पास है. Amazon से भी ज्यादा. तो हालाँकि ये डील अभी थोड़ी महँगी है लेकिन वालमार्ट फ्लिप्कार्ट को खरीदते ही इतनी बड़ी कंट्री में सीधा amazon से आगे निकल जाएगी.

वालमार्ट का आगे का प्लान ?

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बाकी experience तो वालमार्ट के पास है ही. रिटेल चैन, बिसनेस मैनेजमेंट पहले से ही वालमार्ट के पास उपलब्ध है.  इसके लिए  दिमाग लगाकर वालमार्ट ने Flipkart को खरीद लिया और 77% शेयर  Flipkart का वॉल मार्ट के पास हो गया. दो बहुत बड़े प्लेयर market में आने से छोटे प्लेयर जैसे शॉपक्लूज, Snapdeal, पेटीएम मॉल है यह सब शायद खत्म हो सकते हैं. क्योंकि अब  जो इन्वेस्टमेंट होना है वह बड़ी कंपनियों में होना है.

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