एक बात तो तय है कि हम अपने पसंदीदा FOOD को अपने पसंदीदा Restaurant से खाना चाहते हैं, लेकिन आपके सामने दिन भर के hectic schedule के बाद कमर तोड़ थकान. और घर आने के बाद, तैयार होकर (well, you know how difficult is that 😉 ), शाम का ट्रैफिक झेल कर, restaurant में queue में wait? थोडा सा unromantic लगता है न? Exactly !
जैसे ही आप के दिमाग में ये thought प्ले होता है, आप अचानक अपनी डाइन आउट प्लानिंग को postpone करने का decide कर लेते हैं. वैसे तो आजकल restaurant घर पर फ़ूड ऑर्डर करने की आप्शन देता है पर उसका मेनू arrange करो, उसका फ़ोन नंबर arrange करो, कॉल करो, डिलीवरी बॉय को एड्रेस नोट कराओ, वैगरह वैगरह. लेकिन आपको अभी भी इसे रेस्तरां से चुनना होगा। और फिर और इतने सब ड्रामे के बजाय आप घर का बना खाना खाते हैं, चाहे रोटिया गोल बने या नहीं। है न एकदम करेले की सब्जी जैसी बात. पर अब और नहीं !!!
चिंता की कोई बात नहीं क्योंकि स्विगी और Zomato है आपका complete solution.
Why Swiggy or Zamato?
स्विगी से पहले, उपलब्ध सभी substitute food ऑर्डरिंग सेवाएं थीं, लेकिन स्विगी और zomato ने आपके दरवाजे पर ऑर्डर देने और food service देने की शुरुआत की – जिसकी ग्राहकों को बहुत आवश्यकता थी। आज तो हर छोटे बड़े शहर में Zomato, Swiggy जैसे apps ने लोगो के मोबाइल में घर बना लिया है. किसी ने ये नहीं सोचा होगा कि फ़ूड डिलीवर करके भी पैसा कमाया जा सकता है. By the way, क्या आपने कभी सोचा है कि Zomato, Swiggy, Uber Eats जैसे profession कैसे पैसा बनाते हैं?

आइए अब समझते हैं कि स्विगी कैसे काम करता है और स्विगी के बिजनेस मॉडल में गहराई से गोता लगाकर पैसा कमाता है।
स्विगी एक लॉजिस्टिक और ऑर्डर जेनरेशन कंपनी है जो भारत में फूड सर्विस स्पेस में एग्रीगेटर का काम करती है। स्विगी के पास एक सिंपल base मॉडल है, जिस पर उनका profession आधारित है, लेकिन जब से उन्होंने खुद को establish किया है, तब से डिलीवरी के अलावा और कुछ रास्तो से revenue अर्जित करना शुरू कर दिया है।
स्विगी भारत का सबसे बड़ा और most वैल्युएबल ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी प्लेटफॉर्म है। 2014 में स्थापित, स्विगी बेंगलुरु से शुरू हुआ और मार्च 2019 तक, 100 भारतीय शहरों में से ऑपरेट हो रहा था। 2019 की शुरुआत में, Swiggy ने ब्रांड नाम स्विगी स्टोर्स के तहत जनरल प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूशन में विस्तार किया।
Zomato भी एक भारतीय रेस्तरां और फूड डिलीवरी एग्रीगेटर है, जिसकी स्थापना 2008 में दीपिन्दर गोयल और पंकज चड्ढा द्वारा की गई थी। Zomato, restaurant की जानकारी, मेनू और यूजर फीडबैक प्रदान करता है, और चुनिंदा शहरों में पार्टनर रेस्तरां से भोजन वितरण विकल्प भी उपलब्ध कराता है। Covid-19 के प्रकोप के बीच Zomato किराने की डिलीवरी में भी प्रवेश कर रहा है। 2019 तक, यह सेवा 24 देशों और 10,000 से अधिक शहरों में उपलब्ध है।

How do the earn?
अब देखते हैं की अपने उपयोगकर्ताओं को भारी छूट देने के बाद भी Swiggy, Zomato जैसी खाद्य वितरण कंपनियां पैसे कैसे कमाते हैं:
1. Partnership
साझेदारी करने वाले रेस्तरां से हर एक आर्डर के लिए fee as a commission लिया जाता है जिसे वे इन वेबसाइटों के माध्यम से पूरा करते हैं, 10-30% (30% very rare) से लेकर fee होती है। यह fee, restaurant के स्थान और लोकप्रियता पर निर्भर करता है।
उदाहरण के लिए, आइए हम तीन रेस्तरां एक्स, वाई, जेड पर विचार करें जो ऑनलाइन व्यापार सेवाओं से उन्हें प्राप्त होने वाले व्यवसाय पर 10%, 20%, 30% कमीशन प्रदान करते हैं। यदि 6000, 5000 और 4000 क्रमशः X, Y और Z restaurant के लिए स्विगी द्वारा उत्पन्न कुल रेवेनुए है, तब स्विगी के लिए उत्पन्न आय 600 + 500 + 1200 = 2300 होती है।

2. Delivery fee से revenue
आमतौर पर यह 10 रुपये से लेकर 30 रुपये तक होता है। Zomato every month average 3.5 मिलियन ऑर्डर प्राप्त करता है और प्रति ऑर्डर औसत डिलीवरी fee के रूप में 20 रुपये मानो तो, Zomato ग्राहकों द्वारा भुगतान किए गए डिलीवरी fee के माध्यम से हर महीने लगभग (3.5 मिलियन * 20) 70 मिलियन रुपये का revenue कमाता है।

3. Sponsered services
ग्राहकों को ऐप नोटिफिकेशन, मेल या टेक्स्ट मैसेज भेजकर किसी स्पेशल restaurant (sponsored) के स्पेशल आइटम को बढ़ावा देने जैसी प्रीमियम सुविधाएँ प्रदान करता है। उसके लिए वो उस particular restaurant को चार्ज करता है.
4. Premium services
Revenue generation का एक upcoming मॉडल ग्राहकों को प्रीमियम membership प्रदान करके है। एक निश्चित अवधि के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान करके, ग्राहकों को मुफ्त डिलीवरी जैसी स्पेशल सेवाएं प्रदान की जाती हैं और तो और 1 खरीदने पर 1 मुफ्त ऑफ़र मिलते हैं। Zomato, ‘Zomato Gold’ प्रदान करता है, जबकि Swiggyकी इस श्रेणी में एक फ्री डिलीवरी सदस्यता ‘Super’ ’है ।
तो ये थे तरीके जिससे ये apps पैसा कम रहे हैं. उम्मीद करते हैं कि आपको कुछ कुछ आईडिया लगा होगा इनके बिज़नस मॉडल का. तो बताइए कैसा लगा आपको ये आर्टिकल. और क्या आप भी आर्डर करते हैं swiggy और ज़मातो से कमेंट सेक्शन में. मिलूंगी आपसे अगले मसालेदार आर्टिकल में तब तक के लिए, बाय बाय.