आप सभी लोगों ने बचपन में साइंस में pH के बारे में तो पढ़ा होगा. लेकिन pH को measure कैसे करते हैं और कैसे इसे इलेक्ट्रिकल क्वांटिटी में कन्वर्ट कर सकते हैं और एप्लीकेशंस को ऑटोमेट कर सकते हैं वह आज हम इस आर्टिकल में देखेंगे. एप्लीकेशन्स की बात करे तो बहुत सारी केमिकल इंडस्ट्रीज, पावर प्लांट, फार्मास्यूटिकल कंपनीज में डिफरेंट सॉल्यूशन की pH मेन्टेन करना बहुत इंपॉर्टेंट होती है और इसीलिए सॉल्यूशंस/प्रोसेस की मॉनिटरिंग की इंपोर्टेंस बढ़ जाती है. आइए देखते हैं क्या होते हैं pH सेंसर? कैसे मेजर करते हैं और क्या होता है उनका working priniciple?

pH क्या है ?
पीएच किसी भी सॉल्यूशन में उसके हाइड्रोजन आयन की कंसंट्रेशन का gram equivalent होते हैं. यानी कि सीधे-सीधे कहे तो किसी भी सलूशन के अंदर हाइड्रोजन का कितना कम या ज्यादा है, वह पता करने के लिए इस पैरामीटर का इस्तेमाल होता है. pH वैल्यू 0 से लेकर 14 तक वेरी हो सकती है. अगर हाइड्रोजन आयन ज्यादा तो pH कम और अगर हाइड्रोजन आयन कम तो pH ज्यादा. यानी की अगर pH 0 से 7 के बीच में है तो यह सॉल्यूशन acidic सॉल्यूशन बोला जाता है और अगर सॉल्यूशन 8 से 14 के बीच में है तब हम उसे बेसिक सॉल्यूशन बोलते हैं. जिन सलूशन की पीएच 7 होती है उनको न्यूट्रल सॉल्यूशन कहा जाता है.

pH को कैसे measure करते हैं ?
मार्केट में आजकल इंडिकेटर स्ट्रिप्स आती हैं. ये स्ट्रिप्स किसी भी सॉल्यूशन में डुबोने पर उसमे उपस्थित हाइड्रोजन आयन के हिसाब से अपना रंग बदलती है और उस रंग के चार्ट को देखकर हम बता सकते हैं कि सॉल्यूशन की पीएच वैल्यू क्या है.

पीएच इंडिकेटर fluid का प्रिंसिपल भी पीएच इंडिकेटर स्ट्रिप के जैसा ही होता है पर यह एक सोल्यूशन के फॉर्म में होता है. इसमें fluid में वो सॉल्यूशन, जिसकी पीएच मेजर करनी है, मिलाया जाता है. उसके अनुसार fluid अपना कलर बदलता है और हम कलर व्हील पर कलर चेक करके बता पाते हैं कि सॉल्यूशन की पीएच कितनी है.

तीसरा सबसे मॉडर्न तरीका है जो आज के आर्टिकल का बेसलाइन भी है वह है पीएच सेंसर से ph measure करना. किसी भी ग्लास के अन्दर solution को किसी अन्य solution के अन्दर रखेंगे तो दोनों solution के बीच मिली वोल्ट की फॉर्म में एक पोटेंशियल डिफरेंस रहता है. और हम ये मिलिवोल्ट रीड करके बता सकते हैं की एक्चुअल में पीएच कितना है और हम उसे स्क्रीन पर या डाटा की फॉर्म में, या कहीं और भी ट्रांसमीट कर सकते हैं.
pH सेंसर का वर्किंग प्रिंसिपल
अगर किसी ग्लास का एंक्लोजर बनाएं और उसके अंदर एक सॉल्यूशन रखें और ग्लास के बाहर एक दूसरा सलूशन रखें तो इन दोनों सॉल्यूशन के बीच में एक इलेक्ट्रो केमिकल पोटेंशियल जनरेट होगा और यह पोटेंशियल दोनों के पीएस डिफरेंस के प्रोपोर्शनल होगा. इस इलेक्ट्रिक पोटेंशियल के डिफरेंस को सेंसर पीएच की टर्म्स में बताता है
पीएच सेंसर का कंस्ट्रक्शन डिजाइन
Measuring Electrode
इसमें एक ग्लास के अन्दर एक केबल soldered रहता है. गिलास के अंदर पोटेशियम क्लोराइड का सलूशन होता है और उसकी पीएच हम seven (7) रखते हैं. जैसा कि हम ऑलरेडी बता चुके हैं कि 7 pH nutral पीएच बताई जाती है. साथ में इसमें 1 सिल्वर क्लोराइड का ब्लॉक लगा रहता है जिसके अंदर एक सिल्वर एलिमेंट रहता है. इस एलिमेंट पर पोटेंशियल measure करते हैं जो कि किसी भी दिए गए सलूशन की पीएच के हिसाब से मिलिवोल्ट जेनेरेट करता है.

Reference Electrode
मेजरिंग इलेक्ट्रोड की कोई भी वैल्यू बिना रेफरेंस इलेक्ट्रोड के बेकार है इसलिए pH सेंसर में रेफरेंस इलेक्ट्रोड एक इंटीग्रल पार्ट है. इसमें भी एक ग्लास ट्यूब रहती है जिसके अंदर पोटेशियम क्लोराइड का सलूशन भरा होता है. इसमें भी एक सिल्वर वायर रहता है जोकि मरकरी क्लोराइड के ब्लॉक में अटैच रहता है. रेफरेंस इलेक्ट्रोड का मुख्य काम यह है कि यह एक स्टेबल 0 वोल्टेज प्रोवाइड कर आता है और मेजरिंग इलेक्ट्रोड के साथ सर्किट को कंप्लीट करता है और हमे ph की सही वैल्यू देने में मदद करता है.
सिग्नल कंडीशनिंग यूनिट
यहां पर मेजरिंग इलेक्ट्रोड और रेफरेंस इलेक्ट्रोड के सिग्नल के बीच का जो डिफरेंस होता है उसके सिग्नल को कंडीशन किया जाता है और low वोल्टेज पैटर्न सिग्नल से हाइ वोल्टेज amplified सिग्नल में कन्वर्ट किया जाता है. इसके बाद इसका नॉइस रिमूवल और एमप्लीफिकेशन किया जाता है ताकि मिलिवोल्ट में जो डिफरेंट जनरेट हुआ है उसे एनलार्ज करके देखा जा सके.
आपको अब जो वैल्यू आपको इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के बाद मिली है वह किसी एलसीडी डिस्पले पर configure करके देखी जा सकती है या सुदूर क्षेत्र में भेजने के लिए ट्रांसमीटर का इस्तेमाल होता है. ट्रांसमीटर से आप लोकल में डिस्प्ले के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं या 4-20 मिली अम्पीयर की फॉर्म में कहीं और भी डिस्प्ले या रिकॉर्डिंग के लिए भेज सकते हैं.

Advantage ऑफ़ pH sensors
- pH सेंसर की एक्यूरेसी ज्यादा होती है
- इन्हें इलेक्ट्रॉनिक क्वांटिटी में कन्वर्ट करके कंट्रोल में या फिर डिस्प्ले में इस्तेमाल किया जा सकता है
- Reusable है.
- दशमलव के दूसरे स्थान तक यानी कि ज्यादा precise मेज़रमेंट हो सकता है
पीएच मीटर का एप्लीकेशन

चलिए आपको एक रियल लाइफ एप्लीकेशन से रूबरू कराते हैं. पीएच कण्ट्रोल सिस्टम किसी भी पावर प्लांट के बॉयलर के ड्रम में वहां की पीएच मेंटेन करने के लिए ऑटोमेटिकली इस्तेमाल होता है. यह सिस्टम एक closed loop में काम करता है, जिसमें की ड्रम की पीएच कंटीन्यूअसली मॉनिटर होती रहती है. जैसे ही ड्रम की pH वैल्यू कम होती है तो ड्रम में pH बढाने वाले pumps को ज्यादा solution दोसे करने की कमांड जाती है. और ph बढ़ जाती है और जैसे ही अपने set पॉइंट को achieve करती है तो pumps को बंद होने की कमांड जाती है. इसी तरह ड्रम की pH खुद ब खुद मेन्टेन होती रहती है.