E vehicles क्यूँ?
आज जहा देखो वह बस कुछ main issues पर चिंता व्यक्त की जा रही है. जो की कही न कही एक दूसरे से जुड़े भी है. उनमे से दो मुख्य विषय है, प्रदूषण और महंगाई और ये दोनों का आपकी लाइफ में अच्छा ख़ासा इम्पैक्ट है. जैसे जैसे सोसाइटी इन issues के बारे में जागरूक हुई हैं, इनके against बहुत सारे अलग – अलग कदम उठाये जा रहे है. इसी लाइन में, आज हम एक ऐसे ही topic के बारे में बात करने वाले है, जो की आपके स्वास्थ्य के साथ – साथ रुपयों पर भी असर डालेगा. जैसा की आप जानते हैं कि petrol और diesel के दाम आसमान छू रहे है तो आज हम सब लोग e vehicles के बारे में बात करने वाले है. यह e vehicles petrol diesel पर नही बल्कि electricit (battery) पर चलते है. आपने भी अपने शहर में battery से चलने वाले rikshaw देखे होंगे. जो की बहुत किफायती और वातावरण के लिए भी लाभदायक है. उसी की तरह e-car और e-bikes भी मार्केट में आने लगी हैं जो की हालाँकि अभी भारत में उतनी प्रचलित नही है, पर ये sureshot आने वाला फ्यूचर है.

E vehicle और pollution
आपने हाल में ही odd-even जैसी कई योजनाओ के बारे में सुना जरुर होगा. हो सकता है की आपने कभी इसका सामना भी किया हो, ये सब प्रदूषण रोकने और कम करने के लिए किया जा रहा है. पर e-vehicle जैसे वाहनों से थोडा भी प्रदूषण नही होता है. क्योकि यह पूरी तरह से बैटरी पर काम करती है. तो अब बात आती है कि बैटरी पर कैसे करती है? तो पहले समझते है की इसमें होता क्या-क्या है?
इनसाइड E vehicle
तो इसमें बहुत साधारण technology इस्तेमाल हुआ है, इसमें एक inverter induction motor और एक बहुत बड़ी battery होती है. अब डिटेल में जानते है इनका काम क्या क्या होता है:-
BATTERY :-
इन cars में भी हमारे मोबाइल की ही तरह lithium ion battery होती है. जो की छोटे cells की तरह ही होती है और आपको जानकार बहुत हैरानी होगी आप वही बैटरी अपने remotes और घडियो में इस्तेमाल करते है. तो इनका एक बहुत् बड़ा पैक बनाया जाता है जिसमे लगभग 100 से अधिक cells होते है, जिनमें कुछ को parallel और कुछ series connection में लगाया जाता है. जब भी गाडी चलती है, तो यह बैटरी काफी गरम हो जाती है तो इन्हें ठंडा रखने के लिए लम्बी rows में लगाया जाता है, जिससे इनके बीच से glycon नाम का fluid गुजार करके इन्हें ठंडा रख्खा जाता है. बैटरी को car के नीचे base में फिट किया जाता है. इससे एक और फायदा है ये होता है कि car को अच्छी centre of gravity मिलती है. मतलब है की अच्छा संतुलन मिलता है.

INVERTER :-
जो inverter इसमें इस्तेमाल होता है वो भी लगभग आपके घर पर मौजूद inverter की तरह ही होता है. जिस तरह ये आपके घर पर आपकी बैटरी से आये हुई DC सप्लाई को AC सप्लाई में बदल कर आपके घर में भेजता है वैसे ही यह कार में भी करता है. अब आप जानते हैं कि बैटरी तो DC ही प्रोड्यूस कर सकती है, तो उससे मोटर (AC induction motor) को चलाने के लिए हमे AC की आवश्यकता होगी. तो बस इन्वर्टर साहब यहां पर ये काम करते है। बैटरी की DC को AC में कन्वर्ट कर देते हैं।

INDUCTION MOTOR :-
Induction motor, nikola tesla द्वारा invent किया गया था. और यह मुख्य तौर पर DC current पर काम करता है इसलिए कार में inverter लगा होता है. इस Induction motor में किसी भी छोटे MOTOR की तरह ही काम होता है. इसमें एक rotor होता है जो घूमता है. सबसे पहले इसमें coils होती है, जैसे ही इन कॉइल्स में current enter करता है, तब magnetic field active होता है जिससे rotor घूमता है. और induction motor की एक अच्छी खासियत है की 8000 rpm तक बड़े आराम से पहुच सकता है और वही किसी साधारण petrol car को इस rpm पर मुश्किल से ही पहुँच पाती है.

E vehicle काम कैसे करता है?
एक स्पेशल बात इसमें ये है कि बाकी कार्स जैसा इसमें किसी भी तरह का gear box नही होता है और साथ ही किसी भी प्रकार का शोर नही होता है. तो जब गाडी स्टार्ट की जाती है, तो बैटरी से current inverter में जाता है, फिर वह से इंडक्शन मोटर में भेजा जाता है. फिर हमारा मोटर घूमता और यही मोटर आपकी car के wheels को घुमाता है और car चल पड़ती है और आपको gears की चिंता करने की जरुरत नही है .
E vehicle चार्जिंग
ये e-vehicle का सबसे controversial part है. अब क्यूंकि car electric है, तो चार्ज भी होती ही होगी तो इसे चार्ज कैसे करे? इतनी बड़ी गाड़ी को घर पर तो चार्ज नही करेंगे. तो इनके लिए भी खास तरह के petrol pump जैसे electric stations बनाये जा रहे हैं. जहा आप जाये और केवल एक socket को अपनी car में लगाना है और आपकी car चार्ज हो जाएगी. हालाँकि यह प्रोसेस काफी समय लेता है. तो इसके लिए भी car manufacturers ने fast charging stations बनाने शुरू किये है.

अभी इ-वेहिकल्स डेवलपमेंट फेज में होने की वजह से इसके सामने काफी roadblocks हैं. पर यह सच है कि एनवायरनमेंट को बचने के प्रयास में आने वाले समय में यह सबसे बड़ा कदम होगा.
तो चलो अब विदाई लेते है. और जल्द ही मिलते है, अगले आर्टिकल में !