कई बार आपने लोगों को grounding और earthing के बीच difference में कंफ्यूज होते हुए देखा होगा और ऐसा भी देखा होगा कि कई बार लोग grounding के लिए earthing और earthing के लिए grounding शब्द का इस्तेमाल interchangeably भी करते हैं. पर वास्तव में ये दोनों अलग अलग चीज है. आज हम देखेंगे कि ग्राउंडिंग और अर्थिंग क्या है, इनमे major difference क्या हैं, क्या इनके एप्लीकेशन है और इन्हें कैसे इस्तेमाल किया जाता है.
दोनों में अगर मेन डिफ़रेंस की बात करे तो ‘Earthing’ का मतलब है कि equipment physically ग्राउंड से connected है जिसका potential जीरो वोल्ट है. जबकि grounding का मतलब है कि सर्किट physically ground से connected नहीं है पर इस पॉइंट का बाकी पॉइंट्स के रेस्पेक्ट में पोटेंशियल जीरो है.
Earthing
Earthing का मतलब है dead part (यानी कि वो part जो current carry नहीं करते ) को earth से कनेक्ट करना जैसे कि electrical equipment के कैबिनेट्स, frames. जैसे आपके घर में प्रेस की बॉडी को earth से connect करके रखते हैं ताकि कोई वोल्टेज लीक होकर उसकी बॉडी पर आये तो वह वोल्टेज बॉडी से डायरेक्ट earth में चला जाए और आपको shock लगे.
ऐसा करने के लिए equipment और devices के non-current carrying metal पार्ट को earth conductors की हेल्प से डायरेक्ट earthing system में भेज जाता है. जहाँ पर ground rods या फिर किसी और electrode की हेल्प से अर्थिंग provide किया होता है

Grounding
Grounding का सिंपल मीनिंग है कि किसी live part को यानि कि किसी current carry करने वाले पार्ट को earth से connect करने को grounding बोलते हैं. Example के तौर पर, किसी transformer के न्यूट्रल को earth से connect करने को ग्राउण्डिंग कहाँ जाता है.

3 phase winding जब स्टार कनेक्शन connect रहती है तो ideally, star पॉइंट पर जीरो करंट मिलनी चाहिए लेकिन फिर भी यहाँ पर कुछ न कुछ करंट मिलती है जो कि instrument के लिए हानिकारक हो सकती है. इसलिए इस करंट को न्यूट्रल से ग्राउंड करना जरुरी होता है. इस पॉइंट की करंट को ग्राउंड तक लेके जाने की प्रक्रिया को ग्राउंडिंग बोलते हैं.
Difference between Grounding and Earthing
Comparison | Grounding | Earthing |
परिभाषा | Current carrying पार्ट ग्राउंड से connect रहता है. | उपकरण की बॉडी को ग्राउंड से connect करके रखते हैं |
जीरो पोटेंशियल | नहीं रहता है | रहता है |
आवश्यकता | इक्विपमेंट जैसे की transformer इत्यादि को बचाने के लिए | Human को electric शॉक से बचाने के लिए |
कलर कोडिंग | ब्लैक | ग्रीन |
उपयोग | Unbalanced लोड को बैलेंस करने के लिए | इलेक्ट्रिक शॉक से बचने के लिए |
Example | Generator के न्यूट्रल को ground करने के लिए | TV, Fridge, Electric iron के enclosure को earth करने के लिए |
Earthing कैसे करते हैं
- जिस वायर से अर्थिंग की जा रही है उसका resistance 1 ohm से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
- सर्किट के लिए की जाने वाली wiring का material और electrode का material same होना चाहिए.
- Electrode को vertically ground में insert कराना चाहिए ताकि earth की डिफरेंट layers electrode के संपर्क में आनी चाहिए.
तो कैसा लगा आपको ये आर्टिकल? अभी भी आपके बहुत सारे doubt हो सकते हैं तो बताइए हमे कमेंट सेक्शन में. मिलेंगे आपसे नेक्स्ट आर्टिकल में. तब तक के लिए गुड बाय.
Good article sir