API ( एपीआई ) क्या है और कैसे काम करती है.

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अगर आपको programming और वेब development में जरा सा भी interest है तो आपने इस टर्म को तो सुना ही होगा. API की हेल्प से डिफरेंट websites या apps अलग sources से डाटा fetch करके यूजर तक पहुचाते हैं. पर क्या है एपीआई, कैसे काम करत है चलिए देखते हैं.

API hindi me

API kya hai?

API का पूरा नाम Application Programming Interface है । आपको इसके नाम से पता चल रहा होगा की इसका यूज़ एप्लीकेशन को बंनाने में किया जाता है पर अगर आप इसकी definition गूगल पर पढेंगे तो आपको कुछ खास नहीं पता चलेगा. इसीलिए हम एक example लेते हैं और समझने की कोशिश करते हैं. मिसाल के तौर पर जब आप indigo फ्लाइट की टिकट बुक करते हैं तो maximum times ये ही होता है कि आपने indigo की वेबसाइट से बुक नहीं होगी. बल्कि ये makemytrip या फिर goibibo से बुक की होती है. आपने कभी सोचा की makemytrip की वेबसाइट से आप बाकी सब साइट्स के सर्वर पर जाकर अपनी flight seat कैसे बुक कर पाते हैं. बिलकुल सही guess किया, API  की हेल्प से. API रिक्वायर्ड डाटा का 2 या 2 से ज्यादा प्लेटफार्म पर seamless transaction कर सकती है. Seemless इसीलिए क्यूंकि ऊपर के एक्साम्प्ले की बात करे तो आपको पता भी नहीं चलेगा कि आपने indigo की seat makemytrip से कैसे बुक कर दी.

अब समझने वाली बात. सिंपल शब्दों में. Indigo ने ऐसा तो किया नहीं होगा कि पूरा का पूरा कण्ट्रोल makemytrip ट्रिप को या goibibo को दे दिया हो. या फ्यूचर में कोई और टिकट बुकिंग वेबसाइट आये उसे पूरा कण्ट्रोल दे दे. तो कोई ऐसी इंटरफ़ेस होना चाहिए जो सेट ऑफ़ रूल्स के अंतर्गत दो application में डाटा एक्सचेंज कर सके. इस तरह के इंटरफ़ेस को एपीआई कहते हैं. API owner इसे फ्री या paid रख सकते हैं. जैसे की youtube अपने क्रिएटर्स को अपनी api फ्री में provide करता है, जिससे क्रिएटर्स अपने लाइव subsribers अपनी वेबसाइट पर या मोबाइल पर apps में देख सकते हैं.

I hope, आपको बेसिक आईडिया लग गया होगा कि ये API क्या होती है. चलिए उसके बाद इसके टाइप्स देखते हैं.

API के टाइप्स :-

API कोई एक तरह की नही होती है क्योंकि अलग-अलग प्रकार की API का अलग-अलग काम होता है और उनकी वर्क कैपेसिटी भी अलग होती है। तो चलिए अब जानते है API के टाइप्स के बारे में:-

  1. Procedural:- यह API एप्प के किसी स्पेशल काम को पूरा करने के लिए जो उसे उसे हैंडल कर रहा है उस सर्वर के पास जाता है यह किसी फंक्शन को कोई फाइल खोलने के लिए एक नार्मल इंटरफ़ेस देता है, फिर हम उसी ओपन फाइल द्वारा कोई काम कर सकते है।
  2. Object Oriented:– इसका काम API System Object में मुश्किल काम को आसान तरीके से करने का है  यह API System दूसरे API से ज्यादा Fast और Powerful है। उदाहरण के लिए सर्च इंजन सिस्टम जैसे Google Voice में इस API System का यूज़ किया जाता है।
  3. Service Oriented:– इस API का यूज़ एप्प द्वारा किये गए वर्क को सर्वर तक पहुंचाने के लिए किया जाता है यानि हम जो भी एक्टिविटी एप्प पर करते है तो ये उसका आउटपुट देता है । उदाहरण के लिए अमेज़न , फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां इस API System के यूज़ से ही इतने आउटपुट एक साथ दे पाती है ।
  4. Resource Oriented:– हमें इसके नाम से ही पता चलता है कि यह API संसाधन पर आधारित है इसका मतलब होता है की जब हम किसी एप्लीकेशन को रन करते है तो वह एप्लीकेशन हमारे डाटा को कलेक्ट करता है फिर उस डाटा को सीधे सर्वर में ले जाता है जो कि संसाधन का यूज़ करके आगे उसे भेजती है । और इस API का यूज़ वो बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ करती है जिन्हे पूरी तरह से सिक्योर रहना होता है ।

Benefits of API:-

  1. High Profit:- API के यूज़ से पहले हमें किसी कंपनी के ऑफिसियल वेबसाइट से ही कोई प्रोडक्ट या टिकट ले सकते थे, लेकिन API के आने के बाद हम कोई भी प्रोडक्ट उससे रिलेटेड कोई भी वेबसाइट से ले सकते है जैसे एयरलाइन्स टिकट्स या कोई डोमेस्टिक प्रोडक्ट आदि । इसमें हर तरफ से सभी को फायदा होता है , जैसे सबसे पहले कंपनी के मालिक को इससे प्रॉफिट होता है फिर जिस वेबसाइट से प्रोडक्ट ले रहे है उस वेबसाइट को कमीशन से फायदा और लास्ट में हम कस्टमर को डिस्काउंट से फायदा ।
  2. Data Duplicacy :– API के आने के बाद हमें एप्लीकेशन या वेबसाइट में किसी इनफार्मेशन को बार बार वापस से लिखना नही होता पडता है क्योंकि API System आटोमेटिक ही काम करता है। इसलिए API System वेबसाइट पर जो भी डाटा होगा उसे Automatic बाकि वेबसाइट को Provide करेगी जिससे डाटा में डुप्लीकेसी नही आएगी।
  3. Time Saving:– API की मदद से हम किसी काम को काफी हद तक आटोमेटिक तरीके से कर सकते है जिससे किसी एप्लीकेशन या वेबसाइट को यूज़ करने वाले यूजर या कंपनी का टाइम सेव होता है और बाकी के काम भी आसानी से जल्दी पूरे हो जाते है।
  4. Automatic:- जैसे की हमने ऊपर पढ़ा की API में Automation का बहुत बड़ा रोल होता है क्योंकि API System में मशीन का मशीन से Interaction होता है जिससे लोगो को एक दूसरे से इंटरैक्ट करने की जरूरत नहीं होती है और इससे काम करना और भी आसान हो जाता है।
  5. Fast Innovation:-API ने Application development में बहुत तेज़ी से Innovation किया है। क्योंकि पहले सिर्फ वही डेवेलपर्स API System का यूज़ कर पाते थे जिन्हे डाटा एक्सचेंज मॉडल का नोलेज़ होता था और उस टाइम सॉफ्टवेयर इंटरफ़ेस भी बहुत जटिल(Complex) हुआ करते थे और हर यूजर उसे यूज़ भी नही कर पाता था , लेकिन आज के समय में API ने अपने यूजर इंटरफ़ेस को इतना आसान और सुविधाजनक बना दिया है कि कोई भी यूजर API System का यूज़ easily कर सकता है ।

क्या API हमारे लिए सिक्योर है?

हमने अभी जाना की किस प्रकार एक API एप्प डेवलपमेंट में यूजफुल है लेकिन बहुत लोग सोचते है की क्या API सिक्योर है भी या नही, तो हाँ API सिक्योर है क्योंकि API System के जरिये हम जो काम एप्लीकेशन से करवाना चाहते है वो उसी से रिलेटेड इनफार्मेशन Application को भेजेगा, जैसे अगर हम फेसबुक पर कोई पोस्ट अपलोड करना चाहते है तो सिर्फ अपलोड से रिलेटेड जानकारियां भेजेगा क्योंकि में एप्लीकेशन से जुड़े सभी डाटा अलग-अलग वर्क करते है जिसे यूजर का टाइम भी खराब नही होता है। दूसरे API के थ्रू डाटा handshakes सब encrypted रहते हैं. आज के समय में API एक बहुत important रोल निभाता है और API का कई बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे Google, Microsoft आदि यूज़ करती है।

API System के साथ हमारा भविष्य

हम जानते है की दुनिया में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का डेवलपमेंट हो रहा है तो वैसे ही API के टेक्नोलॉजी में भी विकास हो रहा है, अगर API System को टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपनी जगह बनानी है तो इसे डेवेलपर्स के हिसाब से अपने इंटरफ़ेस में बदलाव करने होंगे  , जिससे ये और भी बेहतर बने और लोग इसका यूज़ करना जारी रखे। API System का भविष्य अच्छा है क्योंकि आज के समय में API एप्लीकेशन और बिज़नेस के फील्ड में काम करने के समय को बचाता है । लेकिन बस API को आने वाले समय में जरूरत के हिसाब से बदलाव करने होंगे ताकि वो टेक्नोलॉजी के साथ चल सके।

तो दोस्तों आपने आज पढ़ा कि API क्या होती है और इसके क्या यूज़ेज़ है, तो आपको आज का आर्टिकल कैसा लगा बताइएगा कमेंट सेक्शन में । तो मिलते है अगले एक और नए इंटरेस्टिंग आर्टिकल में तब तक के लिए गुड बाय!

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